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अथर्ववेद में निचृज्जगती के 1 संदर्भ मिले

निररणिं सविता साविषक्पदोर्निर्हस्तयोर्वरुणो मित्रो अर्यमा। निरस्मभ्यमनुमती रराणा प्रेमां देवा असाविषुः सौभगाय ॥