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देवी॑ द्यावापृथिवी म॒खस्य॑ वाम॒द्य शिरो॑ राध्यासं देव॒यज॑ने पृथिव्याः। म॒खाय॑ त्वा म॒खस्य॑ त्वा शी॒र्ष्णे ॥३ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

देवी॒ऽइति॒ देवी॑। द्या॒वा॒पृ॒थि॒वी॒ऽइति॑ द्यावापृथिवी। मखस्य॑। वा॒म्। अ॒द्य। शि॒रः॑। रा॒ध्या॒स॒म्। दे॒व॒यज॑न॒ इति॑ देव॒ऽयज॑ने। पृ॒थि॒व्याः ॥ मखाय॑। त्वा॒। म॒खस्य॑। त्वा॒। शी॒र्ष्णे ॥३ ॥

यजुर्वेद » अध्याय:37» मन्त्र:3


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हिन्दी - स्वामी दयानन्द सरस्वती

अब यज्ञ विषय को अगले मन्त्र में कहा है ॥

पदार्थान्वयभाषाः - (देवी) उत्तम गुणों से युक्त (द्यावापृथिवी) प्रकाश और भूमि के तुल्य वर्त्तमान अध्यापिका और उपदेशिका स्त्रियो ! (अद्य) इस समय (पृथिव्याः) पृथिवी के बीच (देवयजने) विद्वानों के यज्ञस्थल में (वाम्) तुम दोनों के (मखस्य) यज्ञ के (शिरः) उत्तम अवयव को मैं (राध्यासम्) सम्यक् सिद्ध करूँ (मखस्य) यज्ञ के (शीर्ष्णे) उत्तम अवयव की सिद्धि के लिये (त्वा) तुझको और (मखाय) यज्ञ के लिये (त्वा) तुझको सम्यक् सिद्ध करूँ ॥३ ॥
भावार्थभाषाः - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। हे मनुष्यो ! इस जगत् में जैसे सूर्य और भूमि उत्तम अवयव के तुल्य वर्त्तमान हैं, वैसे आप लोग सबसे उत्तम वर्त्तो, जिससे सब सङ्गतियों का आश्रय यज्ञ पूर्ण होवे ॥३ ॥
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संस्कृत - स्वामी दयानन्द सरस्वती

अथ यज्ञविषयमाह ॥

अन्वय:

(देवी) दिव्यगुणसम्पन्ने (द्यावापृथिवी) प्रकाशभूमिवद्वर्त्तमाने (मखस्य) यज्ञस्य (वाम्) युवयोः (अद्य) इदानीम् (शिरः) उत्तमाङ्गम् (राध्यासम्) संसाधयेयम् (देवयजने) देवा विद्वांसो यजन्ति यस्मिँस्तस्मिन् (पृथिव्याः) भूमेर्मध्ये (मखाय) यज्ञाय (त्वा) त्वाम् (मखस्य) यज्ञस्य (त्वा) (शीर्ष्णे) उत्तमाङ्गाय ॥३ ॥

पदार्थान्वयभाषाः - देवी द्यावापृथिव्यध्यापिकोपदेशिके स्त्रियावद्य पृथिव्या देवयजने वां मखस्य शिरो राध्यासम्। मखस्य शीर्ष्णे त्वा मखाय त्वा राध्यासम् ॥३ ॥
भावार्थभाषाः - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। हे मनुष्याः ! अत्र जगति यथा सूर्यभूमी उत्तमाङ्गवद्वर्त्तेते, तथैव भवन्तः सर्वोत्तमा वर्त्तन्तां येन सर्वसङ्गत्यधिष्ठानो यज्ञः पूर्णः स्यात् ॥३ ॥
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मराठी - माता सविता जोशी

(यह अनुवाद स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के आधार पर किया गया है।)
भावार्थभाषाः - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. हे माणसांनो ! सूर्य व भूमी हे जसे जगाचे (जगतरूपी यज्ञाचे) उत्तम अवयव आहेत. तसे तुम्ही सर्वांशी चांगल्या रीतीने वागल्यास संगतिकरणाचा यज्ञ पूर्ण होईल.