वांछित मन्त्र चुनें

तं गाथ॑या पुरा॒ण्या पु॑ना॒नम॒भ्य॑नूषत । उ॒तो कृ॑पन्त धी॒तयो॑ दे॒वानां॒ नाम॒ बिभ्र॑तीः ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

taṁ gāthayā purāṇyā punānam abhy anūṣata | uto kṛpanta dhītayo devānāṁ nāma bibhratīḥ ||

पद पाठ

तम् । गाथ॑या । पु॒रा॒ण्या । पु॒ना॒नम् । अ॒भि । अ॒नू॒ष॒त॒ । उ॒तो इति॑ । कृ॒प॒न्त॒ । धी॒तयः॑ । दे॒वाना॑म् । नाम॑ । बिभ्र॑तीः ॥ ९.९९.४

ऋग्वेद » मण्डल:9» सूक्त:99» मन्त्र:4 | अष्टक:7» अध्याय:4» वर्ग:25» मन्त्र:4 | मण्डल:9» अनुवाक:6» मन्त्र:4


0 बार पढ़ा गया

आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (तम्) उक्त परमात्मा को (पुनानम्) जो सबको पवित्र करनेवाला है, उसको (पुराण्या, गाथया) अनादिसिद्ध वेदवाणी द्वारा (अभ्यनूषत) वर्णन करते हैं, (उतो) और (धीतयः) मेधावी लोग (देवानाम्) सब देवों के मध्य में उसी के (नाम) नाम को (कृपन्त) धारण करते हैं ॥४॥
भावार्थभाषाः - परमात्मा को सर्वोत्कृष्ट मानकर उपासना करनी चाहिये ॥४॥
0 बार पढ़ा गया

हरिशरण सिद्धान्तालंकार

देवानां नाम बिभ्रतीः

पदार्थान्वयभाषाः - (पुनानम्) = हमारे जीवनों को पवित्र करते हुए (तम्) = उस सोम को (पुराण्या गाथया) = इस सनातन वेदवाणी के द्वारा (अभ्यनूषत) = स्तुत करते हैं । वेदमन्त्रों में प्रभु द्वारा उपदिष्ट सोम के गुणों का शंसन करते हैं । (उत) = और (उ) = निश्चय से (देवानाम्) = देववृत्ति वाले पुरुषों के (नाम) = यश को अथवा शत्रुओं का नमन करनेवाले, शत्रुओं को झुका देनेवाले बल को (बिभ्रतीः) = धारण करती हुई (धीतयः) = इस सोम के पान की क्रियायें [धेट् पाने] (कृपन्त) = हमें शक्तिशाली बनाती हैं। सोम के गुणों का शंसन करनेवाला व्यक्ति सोम धारण के लिये यत्नशील होता है। धारित सोम इस सोमी पुरुष को दिव्य बल प्राप्त कराता है।
भावार्थभाषाः - भावार्थ- सोम के गुणों का शंसन करते हुए हम सोम के धारण का प्रयत्न करें। यह हमें दिव्य बल यश प्राप्त करायेगा ।
0 बार पढ़ा गया

आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (पुनानं, तं) सर्वस्य पावकं तं परमात्मानं (पुराण्या, गाथया) अनाद्या वेदवाण्या (अभि अनूषत) वर्णयन्ति (उतो) अथ च (धीतयः) मेधाविनः (देवानां) सर्वदेवमध्ये तस्यैव (नाम) नामधेयं (कृपन्त) दधति ॥४॥
0 बार पढ़ा गया

डॉ. तुलसी राम

पदार्थान्वयभाषाः - That spirit of Soma, pure and purifying, the celebrants adore and exalt by songs of old in Vedic voice and, the same, thoughts and actions of veteran sages with the divine name content of the lord supplicate and glorify.