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अध॑ क्ष॒पा परि॑ष्कृतो॒ वाजाँ॑ अ॒भि प्र गा॑हते । यदी॑ वि॒वस्व॑तो॒ धियो॒ हरिं॑ हि॒न्वन्ति॒ यात॑वे ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

adha kṣapā pariṣkṛto vājām̐ abhi pra gāhate | yadī vivasvato dhiyo hariṁ hinvanti yātave ||

पद पाठ

अध॑ । क्ष॒पा । परि॑ऽकृतः । वाजा॑न् । अ॒भि । प्र । गा॒ह॒ते॒ । यदि॑ । वि॒वस्व॑तः । धियः॑ । हरि॑म् । हि॒न्वन्ति॑ । यात॑वे ॥ ९.९९.२

ऋग्वेद » मण्डल:9» सूक्त:99» मन्त्र:2 | अष्टक:7» अध्याय:4» वर्ग:25» मन्त्र:2 | मण्डल:9» अनुवाक:6» मन्त्र:2


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आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (अध) अब इस बात का वर्णन करते हैं कि (क्षपा परिष्कृतः) सैनिक बलों में उपासना किया हुआ परमात्मा (वाजान्, अभि, प्रगाहते) बलों का प्रदान करता है, पर (यदि) यदि (विवस्वतः) याज्ञिक के (धियः) कर्म (यातवे) कर्मयोग के लिये (हरिम्, हिन्वन्ति) परमात्मा की प्रेरणा करें ॥२॥
भावार्थभाषाः - जो लोग परमात्मोपासक हैं, वे ही युद्ध में विजय पाते हैं ॥२॥
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हरिशरण सिद्धान्तालंकार

'क्षपा परिष्कृतः' [सोमः]

पदार्थान्वयभाषाः - (अध) = अब (क्षपा) = गतमन्त्र के अनुसार प्रणवजप व वेदाध्ययन से वासनाओं के क्षपण के द्वारा, वासना विनाश के द्वारा (परिष्कृतः) = शुद्ध किया गया यह सोम (वाजान् अभि प्रगाहते) = शक्तियों का आलोडन करता है, शरीर में सब शक्तियों का सञ्चार करता है। यह तब होता है (यद्) = जब कि (ई) = निश्चय से (विवस्वतः) = ज्ञान की किरणों वाले परिचरणशील यजमान की (धियः) = बुद्धि पूर्वक की जानेवाली क्रियायें (हरिम्) = सब रोगों का हरण करनेवाले सोम को (यातवे) = रोगकृमिरूप राक्षसों के विनाश के लिये (हिन्वन्ति) = शरीर में प्रेरित करती हैं।
भावार्थभाषाः - भावार्थ- सोमरक्षण के लिये वासनाओं का विनाश आवश्यक है। उसके लिये सर्वोत्तम साधन यह है कि प्रभुस्मरण पूर्वक क्रियाओं में लगे रहें । सुरक्षित सोम रोगकृमिरूप शत्रुओं का विनाश करेगा। हमारे में शक्ति का संचार करेगा ।
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आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (अध) अथातः इदं वर्ण्यते यत् (क्षपा परिष्कृतः) सैनिकबलेषूपास्यमानः परमात्मा (वाजान्, अभि, प्र गाहते) विविधबलानि वितरति (यदि) यदि (विवस्वतः) याज्ञिकस्य (धियः) कर्माणि (यातवे) कर्मयोगाय (हरिं, हिन्वन्ति) परमात्मानं प्रेरयन्तु तदा ॥२॥
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डॉ. तुलसी राम

पदार्थान्वयभाषाः - When the thoughts and actions of bright celebrants invoke, invite and inspire Soma to move, initiate and bless, then the divine spirit, exalted by the songs, moves toward battles and inspires, energises and exalts their mind and courage for victory.