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सं व॒त्स इ॑व मा॒तृभि॒रिन्दु॑र्हिन्वा॒नो अ॑ज्यते । दे॒वा॒वीर्मदो॑ म॒तिभि॒: परि॑ष्कृतः ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

saṁ vatsa iva mātṛbhir indur hinvāno ajyate | devāvīr mado matibhiḥ pariṣkṛtaḥ ||

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

सम् । व॒त्सःऽइ॑व । मा॒तृऽभिः॑ । इन्दुः॑ । हि॒न्वा॒नः । अ॒ज्य॒ते॒ । दे॒व॒ऽअ॒वीः । मदः॑ । म॒तिऽभिः॑ । परि॑ऽकृतः ॥ ९.१०५.२

ऋग्वेद » मण्डल:9» सूक्त:105» मन्त्र:2 | अष्टक:7» अध्याय:5» वर्ग:8» मन्त्र:2 | मण्डल:9» अनुवाक:7» मन्त्र:2


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आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (देवावीः) देवताओं का रक्षक (इन्दुः) प्रकाशस्वरूप परमात्मा (हिन्वानः) उपास्यमान (मतिभिः) चित्तवृत्तियों द्वारा (समज्यते) उपासन किया जाता है। वह (मदः, वत्स, इव) परमानन्द के समान (मातृभिः) ज्ञानेन्द्रियों द्वारा (परिष्कृतः) परिष्कार को प्राप्त ध्यान का विषय होता है ॥२॥
भावार्थभाषाः - जो लोग अपनी चित्तवृत्तियों को निर्मल करके उस परमात्मा का ध्यान करते हैं, परमात्मा अवश्यमेव उनके ध्यान का विषय होता है ॥२॥
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हरिशरण सिद्धान्तालंकार

मतिभिः परिष्कृतः

पदार्थान्वयभाषाः - (वत्सः) = बछड़ा (इव) = जैसे (मातृभिः) = गौ के साथ (समज्यते) = संगत होता है, इसी प्रकार यह (इन्दुः) = हमें शक्तिशाली बनानेवाला सोम (हिन्वानः) = अन्दर प्रेरित किया जाता हुआ (मातृभिः) = वेदवाणीरूप माताओं के साथ संगत होता है। इस प्रकार सुरक्षित सोम ज्ञानवृद्धि का कारण बनता है । (देवावी:) = यह दिव्य गुणों का रक्षक है। (मदः) = उल्लास का जनक है। (मतिभिः) = मननपूर्वक की गई स्तुतियों से (परिष्कृतः) = यह परिष्कृत व निर्मल हो जाता है। प्रभु स्तवन ही हमें वासनारूप मल से बचाता है।
भावार्थभाषाः - भावार्थ - प्रभु स्तवन द्वारा सोम सुरक्षित रहता है। सुरक्षित सोम ज्ञानवृद्धि का कारण बनता है ।
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आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (देवावीः) देवानां रक्षकः (इन्दुः)  प्रकाशमयः  परमात्मा (हिन्वानः)उपास्यमानः (मतिभिः) चित्तवृत्तिभिः (समज्यते) उपास्यते। सः(मदः,वत्सः, इव)  परमानन्द इव  (मतिभिः)  ज्ञानेन्द्रियैः  (परिष्कृतः) संस्कृतः सन् ध्यानविषयो भवति ॥२॥
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डॉ. तुलसी राम

पदार्थान्वयभाषाः - Holily is Soma, brilliant presence of beauty, peace and power of divinity, protector of sages, ecstasy of life, realised in the essence, and, adorned by devotees as a darling presence, it is invoked and worshipped with creative acts of meditation by the celebrants.