आ ते॒ दक्षं॒ वि रो॑च॒ना दध॒द्रत्ना॒ वि दा॒शुषे॑ । स्तो॒तृभ्य॒ इन्द्र॑मर्चत ॥
अंग्रेज़ी लिप्यंतरण
मन्त्र उच्चारण
ā te dakṣaṁ vi rocanā dadhad ratnā vi dāśuṣe | stotṛbhya indram arcata ||
पद पाठ
आ । ते॒ । दक्ष॑म् । वि । रो॒च॒ना । द॒ध॒त् । रत्ना॑ । वि । दा॒शुषे॑ । स्तो॒तृऽभ्यः । इन्द्र॑म् । अ॒र्च॒त॒ ॥ ८.९३.२६
ऋग्वेद » मण्डल:8» सूक्त:93» मन्त्र:26
| अष्टक:6» अध्याय:6» वर्ग:26» मन्त्र:1
| मण्डल:8» अनुवाक:9» मन्त्र:26
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हरिशरण सिद्धान्तालंकार
दक्षं- रत्ना
पदार्थान्वयभाषाः - [१] वह प्रभु ही (ते) = तेरे लिये (दक्षम्) = बल को (आ दधत्) = अंग-प्रत्यंग में धारण करता है। प्रभु ही (दाशुषे) = दाश्वान् पुरुष के लिये तथा (स्तोतृभ्यः) = सब स्तवन करनेवालों के लिये (विरोचना) = विशिष्ट दीप्तिवाले (रत्ना) = रमणीय धनों को (विदधत्) = विशेषरूप से स्थापित करता है। [२] इसलिए हे स्तोताओ ! तुम (इन्द्रं अर्चत) = उस परमैश्वर्यशाली प्रभु का ही अर्चन करो। प्रभु की अर्चना ही तुम्हें बल व रत्नों को प्राप्त करायेगी ।
भावार्थभाषाः - भावार्थ- प्रभु की अर्चना करते हुए हम बल व रमणीय रत्नों [धनों] को प्राप्त करें। सदा दानशील बनें।
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डॉ. तुलसी राम
पदार्थान्वयभाषाः - O lord of light, refulgent and glorious stars and planets such as sun, earth and moon bear your power and potential and they bear the jewels of life for the generous yajamana. O celebrants, celebrate Indra and pray for the devotees that the lord may bless.
