त्वामिद्धि त्वा॒यवो॑ऽनु॒नोनु॑वत॒श्चरा॑न् । सखा॑य इन्द्र का॒रव॑: ॥
अंग्रेज़ी लिप्यंतरण
मन्त्र उच्चारण
tvām id dhi tvāyavo nunonuvataś carān | sakhāya indra kāravaḥ ||
पद पाठ
त्वाम् । इत् । हि । त्वा॒ऽयवः॑ । अ॒नु॒ऽनोनु॑वतः । चरा॑न् । सखा॑यः । इ॒न्द्र॒ । का॒रवः॑ ॥ ८.९२.३३
ऋग्वेद » मण्डल:8» सूक्त:92» मन्त्र:33
| अष्टक:6» अध्याय:6» वर्ग:20» मन्त्र:7
| मण्डल:8» अनुवाक:9» मन्त्र:33
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हरिशरण सिद्धान्तालंकार
प्रभु-परिचर्या
पदार्थान्वयभाषाः - [१] हे (इन्द्र) = शत्रु-विद्रावक प्रभो ! (त्वायवः) = आपकी प्राप्ति की कामनावाले (अनुनोनुवतः) = प्रतिदिन अनुक्रमेण आपका स्तवन करते हुए (सखायः) = आपके मित्रभूत ये (कारवः) = कुशलतापूर्वक कर्मों के करने के द्वारा आपका स्तवन करनेवाले स्तोता लोग (त्वां इत् हि) = आपका ही निश्चय से (चरान्) = परिचरण [उपासन] करते हैं।
भावार्थभाषाः - भावार्थ- हम प्रभु प्राप्ति की कामनावाले हों, प्रतिदिन प्रभु-स्तवन करें। कुशलतापूर्वक कर्मों को करते हुए प्रभु के सखा बनें। इन कर्मों द्वारा प्रभु की अर्चना करें। यह सतत प्रभु के उपासन करता हुआ प्रभु रूप उत्तम [सु] रक्षण स्थान [कक्ष] को प्राप्त करनेवाला 'सुकक्ष' अगले सूक्त का ऋषि है। अंग-प्रत्यंग में रसवाला यह 'आंगिरस' इन्द्र का स्तवन करता है-
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डॉ. तुलसी राम
पदार्थान्वयभाषाः - Indra, O lord omnipotent, O ruler of the world, O soul in divine union, O mind in perfect state of spiritual control, may the poets, celebrants, men in action, all assistant forces in unison live their life in dedication to you, working for you and thereby exalting you in song and in action as their friend, guide and protector.
