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श॒तब्र॑ध्न॒ इषु॒स्तव॑ स॒हस्र॑पर्ण॒ एक॒ इत् । यमि॑न्द्र चकृ॒षे युज॑म् ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

śatabradhna iṣus tava sahasraparṇa eka it | yam indra cakṛṣe yujam ||

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

श॒तऽब्र॑ध्नः । इषुः॑ । तव॑ । स॒हस्र॑ऽपर्णः । एकः॑ । इत् । यम् । इ॒न्द्र॒ । च॒कृ॒षे । युज॑म् ॥ ८.७७.७

ऋग्वेद » मण्डल:8» सूक्त:77» मन्त्र:7 | अष्टक:6» अध्याय:5» वर्ग:30» मन्त्र:2 | मण्डल:8» अनुवाक:8» मन्त्र:7


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शिव शंकर शर्मा

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हरिशरण सिद्धान्तालंकार

शतब्रध्न

पदार्थान्वयभाषाः - हे (इन्द्र) = ऐश्वर्यशालिन् ! आप (यम् युजं चकृषे) = जिसे अपना सहायक बनाते हो, वह (तव इषुः) = आपका बाण (शतब्रध्नः) = सैकड़ों आश्रयोंवाला (सहस्त्रपर्णः) = सहस्रों बलों से सम्पन्न (एकः इत्) = अद्वितीय हो जाता है।
भावार्थभाषाः - भावार्थ - जिस पर प्रभु कृपा करें, वह निर्बल भी बली तथा विपन्न भी सम्पन्न हो जाता है ।
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शिव शंकर शर्मा

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डॉ. तुलसी राम

पदार्थान्वयभाषाः - Let your arrow, your armour, your target plan, be hundred pointed and thousand phased but one, united and integrated, which, O ruler Indra, you take up as the sole, active characteristic of your rule.