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बण्म॒हाँ अ॑सि सूर्य॒ बळा॑दित्य म॒हाँ अ॑सि । म॒हस्ते॑ स॒तो म॑हि॒मा प॑नस्यते॒ऽद्धा दे॑व म॒हाँ अ॑सि ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

baṇ mahām̐ asi sūrya baḻ āditya mahām̐ asi | mahas te sato mahimā panasyate ddhā deva mahām̐ asi ||

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

बट् । म॒हान् । अ॒सि॒ । सू॒र्य॒ । बट् । आ॒दि॒त्य॒ । म॒हान् । अ॒सि॒ । म॒हः । ते॒ । स॒तः । म॒हि॒मा । प॒न॒स्य॒ते॒ । अ॒द्धा । दे॒व॒ । म॒हान् । अ॒सि॒ ॥ ८.१०१.११

ऋग्वेद » मण्डल:8» सूक्त:101» मन्त्र:11 | अष्टक:6» अध्याय:7» वर्ग:8» मन्त्र:1 | मण्डल:8» अनुवाक:10» मन्त्र:11


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हरिशरण सिद्धान्तालंकार

सूर्य-आदित्य

पदार्थान्वयभाषाः - [१] हे (सूर्य) = हे सृष्टि के समय सम्पूर्ण जगत् के उत्पादक [षू] प्रभो ! आप (वट्) = सचमुच (महान् असि) = महान् हैं। हे (आदित्य) = प्रलय के समय सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को अपने अन्दर ले लेनेवाले [आदानात्] प्रभो! आप (बट्) = सचमुच महान् (असि) = पूजनीय हैं। (महः सतः ते) = महान् होते हुए आपकी (महिमा) = महत्ता (पनस्यते) = हमारे से स्तुत होती है, हम आपकी महिमा का गायन करते हैं। हे (देव) = सब कुछ देनेवाले, दीप्त व उपासकों को दीप्त करनेवाले प्रभो! आप (अद्धा) = सचमुच ही (महान् असि) = महान् हैं।
भावार्थभाषाः - भावार्थ- सम्पूर्ण जगत् को उत्पन्न करनेवाले प्रभु 'सूर्य' हैं। अन्त में सबको अपने अन्दर ले लेनेवाले प्रभु 'आदित्य' हैं। उस महान् प्रभु की महिमा का हम सदा गायन करें।
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डॉ. तुलसी राम

पदार्थान्वयभाषाः - O Surya, light of life, you are truly great, lord indestructible, you are undoubtedly great. O lord of reality, highest real, great is your glory, adorable. In truth, you are great, refulgent and generous.