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य ईं॒ वह॑न्त आ॒शुभिः॒ पिब॑न्तो मदि॒रं मधु॑। अत्र॒ श्रवां॑सि दधिरे ॥११॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

ya īṁ vahanta āśubhiḥ pibanto madiram madhu | atra śravāṁsi dadhire ||

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

ये। ई॒म्। वह॑न्ते। आ॒शुऽभिः॑। पिब॑न्तः॒। म॒दि॒रम्। मधु॑। अत्र॑। श्रवां॑सि। द॒धि॒रे॒ ॥११॥

ऋग्वेद » मण्डल:5» सूक्त:61» मन्त्र:11 | अष्टक:4» अध्याय:3» वर्ग:28» मन्त्र:1 | मण्डल:5» अनुवाक:5» मन्त्र:11


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स्वामी दयानन्द सरस्वती

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

पदार्थान्वयभाषाः - हे मनुष्यो ! (ये) जो (आशुभिः) शीघ्रकारी गुणों से (मदिरम्) आनन्दकारक (ईम्) जल को (वहन्ते) प्राप्त होते हैं और (मधु) माधुर्य्य आदि गुणों से युक्त को (पिबन्तः) पीते हुए (अत्र) यहाँ (श्रवांसि) अन्न आदिकों को (दधिरे) धारण करते हैं, वे ही लक्ष्मीवान् होते हैं ॥११॥
भावार्थभाषाः - जो शीघ्र सुखकारक और बुद्धिवर्धक वस्तुओं का सेवन करते हैं, वे यहाँ लक्ष्मीवान् होते हैं ॥११॥
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स्वामी दयानन्द सरस्वती

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

अन्वय:

हे मनुष्या ! या आशुभिर्मदिरमीं वहन्ते मधु पिबन्तोऽत्र श्रवांसि दधिरे त एव श्रीमन्तो जायन्ते ॥११॥

पदार्थान्वयभाषाः - (ये) (ईम्) उदकम् (वहन्ते) प्राप्नुवन्ति (आशुभिः) आशुकारिभिर्गुणैः (पिबन्तः) (मदिरम्) आनन्दकरम् (मधु) माधुर्यादिगुणोपेतम् (अत्र) (श्रवांसि) अन्नादीनि (दधिरे) धरन्ति ॥११॥
भावार्थभाषाः - ये सद्यः सुखकराणि मेधावर्धकानि वस्तूनि सेवन्ते तेऽत्र श्रीमन्तो जायन्ते ॥११॥
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डॉ. तुलसी राम

पदार्थान्वयभाषाः - Those who bring hither instant showers of rain, tasting sweets of honey drinks here, bear and hold the food, energy and wealth of the world.
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आचार्य धर्मदेव विद्या मार्तण्ड

The duties of married couple are stated.

अन्वय:

O men! those persons who get pure and delightful water and drinking the sweet honey, juice etc. prepare good food and become wealthy (by keeping good health and exerting themselves). "

भावार्थभाषाः - Those who make articles that create joy and augment intellect, become rich and beautiful.
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माता सविता जोशी

(यह अनुवाद स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के आधार पर किया गया है।)
भावार्थभाषाः - जे ताबडतोब सुखकारक, मेधावर्धक वस्तू ग्रहण करतात ते श्रीमंत होतात. ॥ ११ ॥