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अङ्गा॑दङ्गा॒ल्लोम्नो॑लोम्नो जा॒तं पर्व॑णिपर्वणि । यक्ष्मं॒ सर्व॑स्मादा॒त्मन॒स्तमि॒दं वि वृ॑हामि ते ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

aṅgād-aṅgāl lomno-lomno jātam parvaṇi-parvaṇi | yakṣmaṁ sarvasmād ātmanas tam idaṁ vi vṛhāmi te ||

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

अङ्गा॑त्ऽअङ्गात् । लोम्नः॑ऽलोम्नः । जा॒तम् । पर्व॑णिऽपर्वणि । यक्ष्म॑म् । सर्व॑स्मात् । आ॒त्मनः॑ । तम् । इ॒दम् । वि । वृ॒हा॒मि॒ । ते॒ ॥ १०.१६३.६

ऋग्वेद » मण्डल:10» सूक्त:163» मन्त्र:6 | अष्टक:8» अध्याय:8» वर्ग:21» मन्त्र:6 | मण्डल:10» अनुवाक:12» मन्त्र:6


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ब्रह्ममुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (अङ्गात्-अङ्गात्) अङ्गमात्र से (लोम्नः लोम्नः) प्रत्येक लोमयुक्त स्थान से (पर्वणिपर्वणि-जातम्) प्रतिपर्व-जोड़ में उत्पन्न (यक्ष्मम्) रोग को (सर्वस्मात्-आत्मनः) सारे शरीर से (ते) तेरे (तम्-इदम्) इस रोग को (वि वृहामि) दूर करता हूँ ॥६॥
भावार्थभाषाः - कुशल वैद्य को प्रत्येक अङ्ग, प्रत्येक जोड़, प्रत्येक लोमस्थान तथा सारे शरीर से रोग को बाहर निकाल देना चाहिये ॥६॥
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हरिशरण सिद्धान्तालंकार

सर्वांग दोष निरास

पदार्थान्वयभाषाः - [१] (अंगात् अंगात्) = मैं तेरे प्रत्येक अंग से (यक्ष्मं विवृहामि) = रोग को दूर करता हूँ । (लोम्नः लोम्नः) = लोम लोम से (जातम्) = उत्पन्न हुए हुए इस रोग को हटाता हूँ। [२] (पर्वणि पर्वणि) = एक-एक पर्व में, जोड़ में हो गये इस रोग को दूर करता हूँ। [३] मैं (ते) = तेरे (तं इदम्) = उस इस रोग को (सर्वस्मात् आत्मनः) = सारे देह से दूर करता हूँ ।
भावार्थभाषाः - भावार्थ- मैं तेरे सारे अंगों को नीरोग करता हूँ । अगं -प्रत्यंग को नीरोग बनाने की भावना से सारा सूक्त भरा है। अगले सूक्त में मन को निर्मल बनाने का प्रयत्न करते हैं। मन की निर्मलता से कभी दुःस्वप्न नहीं आते। सो यह 'दुःस्वप्नघ्न' सूक्त कहलाता है। इसका ऋषि 'प्रचेताः 'प्रकृष्ट ज्ञानवाला है । यह पाप संकल्प को सम्बोधन करता हुआ कहता है-
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ब्रह्ममुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (अङ्गात्-अङ्गात्) अङ्गमात्रात् (लोम्नः-लोम्नः) लोमयुक्तस्थानमात्रात् (पर्वणिपर्वणि-जातम्) प्रतिपर्वजातम् (यक्ष्मम्) रोगम् (सर्वस्मात्-आत्मनः) सर्वस्माच्छरीरात् (ते तम्-इदं वि वृहामि) तमिदं रोगं दूरीकरोमि ॥६॥
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डॉ. तुलसी राम

पदार्थान्वयभाषाः - I eliminate the cancer, consumption and canker from every limb, every hair, every joint, wherever this wasting negativity takes root, from your entire living system, I throw it out for your life.